Monday 7 July 2014

Hardwere की सामान्‍य जानकारी

                    Hardwere की सामान्‍य जानकारी


कम्प्यूटर के महत्वपूर्ण भाग


पिछले अध्‍याय में हमने कम्‍प्‍यूटर हमने जाना था कि कम्‍प्‍यूटर क्‍या होता है आज हम जानेगें कि कम्‍प्‍यूटर किन किन हार्डवेयर भागों से मिल कर बना होगा है

कम्प्यूटर के निम्‍न महत्वपूर्ण भाग होते है:-
•    मोनीटर या एल.सी.डी.
•    की-बोर्ड
•    माऊस
•    सी.पी.यू.
•    यू.पी.एस


मोनीटर या एल सी डी :- इसका प्रोयोग कम्प्यूटर के सभी प्रेाग्राम्स का डिस्‍प्ले दिखाता है। यह एक आउटपुट डिवाइस है।






की-बोर्ड :- इसका प्रयोग कम्प्यूटर मे टाइपिंग लिए किया जाता है, यह एक इनपुट डिवाइस है हम केवल की-बोर्ड के माध्यम से भी कम्‍प्‍यूटर को आपरेट कर सकते है।

माऊस :- माऊस कम्प्यूटर के प्रयोग को सरल बनाता है यह एक तरीके से रिमोट डिवाइस होती है और साथ ही इनपुट डिवाइस होती है।

सी. पी. यू.(सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट):- यह कम्प्यूटर का महत्वपूर्ण भाग होता है हमारा सारा डाटा सेव रहता है कम्प्यूटर के सभी भाग सी. पी. यू. से जुडे रहते है।













यू.पी.एस.(अनिट्रप पावर सप्लार्इ):- यह हार्डवेअर या मशीन कम्प्यूटर बिजली जाने पर सीधे बन्द होने से रोकती है जिससे हमारा सारा डाटा सुरक्षित रहता है।







आउटपुट डिवाइस:- यह वह हार्डवेअर डिवाइस होती है जिसे हमें कम्प्यूटर से कोर्इ भी डाटा या कोर्इ भी आउटपुट प्राप्त होती है।

1.    मोनीटर
2.    स्पीकर
3.    प्रिन्टर
4.    प्रोजेक्टर
5.    हेडफोन

इनपुट डिवाइस:- यह वह हार्डवेअर डिवाइस होती है जिसे हमें कम्प्यूटर से कोर्इ भी डाटा या कमाण्‍ड इनपुट करा सकते हैं।
1.    माऊस
2.    की-बोर्ड
3.    स्केनर
4.    डी.वी.डी.ड्रार्इव
5.    पेनड्रार्इव



सीपीयू के अन्‍दरूनी भाग


आपको ज्ञात हो ही गया होगा कि cpu कम्‍प्‍यूटर का मुख्‍य भाग होता है, इसी प्रकार सी0पी0यू0 भी कई भागों में बॅटा होता है या वह भी कई हार्डवेयरों को जोडकर बनाया जाता है, इन्‍ही हार्डवेयर भागों की गुणवत्‍ता और क्षमता पर सी0पी0यू0 की कार्यक्षमता निर्भर करती है तो आईये जाने सी0पी0यू0 के भागों के बारें में
यह हार्डडिस्‍क का अन्‍रूनी भाग है। हार्डडिसक
की इस घू‍म‍ती डिस्‍क पर सारा डाटा सेव रहता है
हार्ड डिस्क:- यह वह भाग है जिसमें कम्प्यूटर के सभी प्रोग्राम और डाटा सुरक्षित रहते है। हार्ड डिस्क की मेमोरी स्थायी होती है, इसीलिए कम्प्यूटर को बंद करने पर भी इसमें सुरक्षित प्रोग्राम और डाटा समाप्‍त नहीं होता है। आज से 10 वर्ष पहले हार्डडिस्‍क की स्‍टोरेज क्षमता गीगाबाइट/जी0बी0 मेगाबाइट या एम0बी0 तक सीमित रहती थी किन्‍तु आजकल हार्ड डिस्क की स्‍टोरेज क्षमता को टेराबाइट या टीबी में मापा जाता है किन्तु आजकल 500 जी0बी0 तथा 1 TB या 1000 GB के क्षमतायुक्त पीसी लोकप्रिय हो गए है। हार्ड डिस्क की क्षमता जितनी अधिक होगी उतना ही ज्‍यादा डाटा स्‍टोर किया जा सकता है। 




मदर बोर्ड :-मदर बोर्ड फाइबर ग्लास का बना एक समतल प्लैटफार्म होता है, जो कम्‍प्‍यूटर के सभी हार्डवेयरों को जैसे की बोर्ड, माउस, एल0सी0डी0, प्रिन्‍टर आदि को एक साथ जोडें रखता है। मदरबोर्ड से ही प्रोसेसर, हार्डडिस्‍क, रैम भी जुडी रहती है तथा यू0एस0बी0, या पेनडाइव लगाने के लिये के भी यू0एस0बी0 पाइन्‍ट मदरबोर्ड बोर्ड में दिये गये होते हैं। साथ ही मदरबोर्ड से ही हमें ग्राफिक, तथा साउण्‍ड का आनन्‍द भी मिलता है।

यह प्रोसेसर का पिछला भाग है 



सेन्ट्रल प्रासेसिग यूनिट (प्रोसेसर):- यह कम्प्यूटर का सबसे अधिक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें एक माक्रोप्रोसर चिप रहता है जो कम्प्यूटर के लिए सोचने के सभी काम करता है और यूजर के आदेशेा तथा निर्देशों के अनुसार प्रोग्राम का संचालन करता है। एक तरह से यह कम्‍प्‍यूटर का दिमाग ही होता है। इसी वजह से यह काफी गरम भी होता है और इसको ठंडा रखने के लिेये इसके साथ एक बडा सा फैन भी लगाया जाता है जिसे सी0पी0यू0 फैन कहते हैं। आजकल प्रोसेसर पिन लैस आते हैं लेकिन आज से 5 साल पहले पिन वाले प्रोसेसर आते थे। इसनें सबसे प्रचलित पैन्‍टीयम 4 प्रोसेसर रहें हैं। आज के समय में इन्‍टेल कम्‍पनी के डयूलकोर और आई03 या आई07 प्रोसेसर काफी प्रचलित हैं। इन प्रोसेसरों से कम्‍प्‍यूटर की क्षमता काफी बढ जाती है।


डीवीडी राइटर
डी0वी0डी0 राइटर :- यह वह भाग है जो डी0वी0डी0-राइटर डिस्क में संचित डाटा को पढता है तथा डी0वी0डी0 को राइट भी करता है जब तक डी0वी0डी राइटर नहीं आया था तक डी0वी0डी रोम चलते थे और उससे पहले सी0डी0 राइटर या सी0डी0 रोम होते थे और उससे भी पहले  फ्लोपी डिस्क ड्राइव होती थी जिसमें केवल 3;4 एम0बी0 डाटा ही स्‍टोर किया जा सकता था। आजकल ब्‍लूरे डिस्‍क क भी अविष्‍कार हो चुका है जिसमें लगभग 40 जी0बी0 तक डाटा स्‍टोर किया जा सकता है। इसके लिये कम्‍प्‍यूटर में ब्‍लूरे राइटर को लगाना आवश्‍यक होगा।

 रैम - रैम की फुलफार्म रैन्‍डम एक्सिस मैमरी होती है, रैम कम्‍प्‍यूटर को वर्किग स्‍पेस प्रदान करती यह एक प्रकार की अस्‍थाई मैमोरी होती है, इसमें कोई भी डाटा स्‍टोर नहीं होता है। जब हम कोई एप्‍लीकेशन कम्‍प्‍यूटर में चलाते हैं, तो वह चलते समय रैम का प्रयोग करती है। कम्‍प्‍यूटर में कम रैम होने की वजह से कभी कभी हैंग होने की समस्‍या आती है तथा कुछ ऐप्‍लीकेशन को पर्याप्‍त रैम नहीं मिलती है तो वह कम्‍प्‍यूटर में नहीं चलते है। रैम कई प्रकार की आती है, जैसे DDR, DDR1, DDR2 तथा DDR3 आजकल के प्रचलन में डी0डी0आर03 रैम है। रैम के बीच के कट को देखकर रैमों को पहचाना जा सकता है।
पावर सप्लार्इ  :- कम्प्यूटर के सभी भागों को उनकी क्षमता के अनुसार पावर प्रदान करने का कार्य पावर सप्‍लाई करती है। इसको भी ठंडा रखने के लिये इसमें फैन लगा होता है। इसमें से मदरबोर्ड, हार्डडिस्‍क, डी0वी0डी0राइटर को उचित सप्‍लाई देने हेतु अलग अलग प्रकार के वायर दे रखे होते है। इसका मेन स्‍वीच सी0पी0यू0 के पीछे दिया होता है जहॉ पावर केबिल के माध्‍यम से कम्‍प्‍यूटर को पावर दी जाती है।  

जानिये अपने कम्‍प्‍यूटर Keyboard की बोर्ड को





की-बोर्ड :-की-बोर्ड टाइपराटर जैसा उपकरण होता है जिसमें कम्प्यूटर में सूचनाए दर्ज करने के लिए बटन दिये गये होते हैं जिन्‍हें हम की (key) कहते है ।
टाइपराइटर कीज:- ये की बोर्ड का मुख्‍य हिस्‍सा होता है, यह मुख्‍यत टाइपिंग सम्‍बन्‍धी कार्य को करने में काम आता है, इन्‍हीं की से हम किसी भी भाषा में टाइप कर सकते हैं, इसके लिये सिर्फ हमको कम्‍प्‍यूटर में फान्‍ट बदलना होगा।
फक्शन कीज :- टाइपराइटर की के सबसे ऊपरी भाग में एक लाइन में एफ-1 से लेकर एफ-12 संख्या तक रहती है। किसी भी साफ्टवेयर पर काम करते समय इनका प्रयोग उसी साफ्टवेयर में दी गयी सूची के अनुसार अलग अलग तरीके से किया जाता हैा
कर्सर कंट्रोल कीज :-  इन कीज से कम्‍प्‍यूटर के क्रर्सर को नियंत्रित किया जाता है, इससे आप कर्सर को अप, डाउन, लेफ्ट, राइट आसानी से ले जाया जा सकता है, यह की बोर्ड पर ऐरो के निशान से प्रर्दशित रहती है।
की-बोर्ड पर ऐरो कीज के ठीक ऊपर कुछ और कर्सर कन्ट्रोल कीज भी मौजूद रहती है। ये इस प्रकार है-
पेज अप कीज :- इनका प्रयोग डाक्यूमेंट के पिछले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।
पेज डाअन कीज:- इनका प्रयोग अगले पृष्ठ पर जाने के लिए किया जाता है।
होम की:- इसका प्रयोग कर्सर लाइन के शुरू में लाने के लिए होता है।
एंड की:- यह की कर्सर को लाइन के अंत में ले जाती है।
न्यूमेरिक की पैड:- की-बोर्ड की दार्इ ओर न्यूमेरिक की-पैड होता है जिसमें कैलुक्यूलेटर के समान कीज होती है। इनसे से कुछ कीज दो काम करती हैं। न्यूमेरिक कीज के दोनो कार्यो को आपस में बदलने के लिए नम लोक की का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए-संख्या 7 युक्त की, होम की के रूप में केवल तभी काम करती है। जब नम लोक की आफ होती है। जब नम लोक की आन होती है। तो 1,2,3,4,5,6,7,8,9,0 चिनिहत कीज, न्यूमेरिक कीज के रूप में काम करती है। इनमें से किसी को भी दबाने पर स्क्रीन पर एक संख्या दिखार्इ देता है।
कैप्स लाक की :- सामान्यतया अक्षर लोअर केस मे ही टाइप होता है। यदि आप एक बार कैप्स लाक की को दबा दे तो टाइप किया जानेाला अक्षर अपर केसा में टाइप केस में टार्इप होता है। इसे वापस लोअर केस में टाइप करने के किए एक बार फिर कैप्स लोक दबा दें।
शिप्ट की :- इसको दबाकर यदि आप कोर्इ अक्षर की दबाए तो वह अपर केस अक्षर में ही टाइप होगी। यदि कैप्स लाक आन की सिथति में हो तो यह कि्रया उलट जाएगी। जब एक की पर दो चिन्ह या कैरेक्टर बने हों तब शिप्ट की दबाने से ऊपरी चिन्ह स्क्रीन पर दिखार्इ देगा।
कंट्रोल एंव आल्ट कीज :- कंट्रोल एंव आल्ट कीज का प्रयोग अकसर कोर्इ विशेष काम करने के लिए अन्य की के साथ संयुक्त् रूप में किया जाता है। जैसे- कंट्रोल और सी को एक आप डोस प्राम्प्ट पर लौट आते है। कंट्रोल आल्ट और डिलीट कीज को एक साथ क्रमवार दबाने से मशीन स्वयं ही दोबारा शुरू हो जाती है।
एंटररिटर्न :- एंटर की को रिर्टन की भी कहा जाता है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से दो कार्यो के लिए किया जाता है। पहला यह पीसी को सूचना देता है कि आपने निर्देश देने का काम छोड दिया है। अत: वहा दिए गए निर्देशों को प्रोसेस या एक्जीक्यूट करें। दूसरा माइक्रोसाफ्ट वर्ड प्रोग्राम का प्रयोग करते समय एन्टर की दबाने पर नया पैराग्राफ या पंकित शुरू हो जाती है।
टैब की :- यह कर्सर को एक पूर्वनिर्धारित स्थान पर आगे ले जाती है। इसके द्वारा आप पैराग्राफ शुरू कर सकते है तथा कालम, टैक्स्ट या संख्याओं को एक सीध में लिख सकते है। कुछ साफ्टवेयरों में यह मेन्यू में एक विकल्प से दूसरे विकल्प पर जाने में मदद करती है।
डिलीट की :- कर्सर की दार्इ ओर लिखे कैरेक्टर या स्पेस को आप इसको दबाकर मिटा सकते है।
बैकस्पेस की :- इसे दबाकर आप कर्सर के बार्इ और लिखे अक्षर को मिटा सकते है। ऐसा करने पर कर्सर अन्त में टाइप किए गए अक्षर को मिटाने हुए बार्इ ओर लौटता है।

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